हाथरस भगदड़ मामले में इन 5 सवालों के जवाब ढूंढेगी ज्यूडिशियल कमेटी, सामने है ये चुनौती
Hathras Stampede
लखनऊ। Hathras Stampede: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हाथरस हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया गया है। आयोग दो माह में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में गठित न्यायिक जांच आयोग में पूर्व आईएएस अधिकारी हेमन्त राव व पूर्व आईपीएस अधिकारी भवेश कुमार सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं।
आयोग हाथरस के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी में दो जुलाई को साकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मृत्यु की घटना की पांच बिंदुओं पर जांच कर अपनी विस्तृत जांच करेगा। आयोग का मुख्यालय लखनऊ में होगा। माना जा रहा है कि जल्द आयोग हाथरस पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर देगा।
जांच के बिंदु
- कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की गई अनुमति तथा उसकी शर्तों का आयोजकों ने कितना अनुपालन किया।
- यह कोई दुर्घटना है अथवा षडयंत्र। अन्य किसी सुनियोजित आपराधिक घटना की संभावना के पहलुओं की भी जांच होगी।
- जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किये गये प्रबंधों तथा उनसे जुड़े अन्य पहलू।
- घटना के कारणों व परिस्थितियों का निर्धारण।
- भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के सुझाव।
बता दें कि बीते मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ तहसील के फुलरई गांव में कथित संत भोले बाबा का सत्संग आयोजित था, जिसमें तकरीबन दो लाख श्रद्धालु आए हुए थे। सत्संग के समापन के बाद भोले बाबा पंडाल से निकलने लगे, इस दौरान श्रद्धालु भी बाहर निकल रहे थे।
भोले बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को रोका गया, इस दौरान भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 121 लोगों के मरने की सूचना मिली है, जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी ने घटनास्थल का जायजा लिया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।